About Usभारत सरकार के कंपनी अधिनियम 2013 के खंड IX A : 581 C के अंतर्गत "कुशीनगर बनाना उत्पादक कंपनी लिमिटेड" कुशीनगर का पंजीकरण दिनांक 26 जून 2015 को किया गया है । यह कंपनी मूलतः सहकारिता और कार्पोरेट के संकर ( हाइब्रिड ) संरचना पर आधारित है । इस कंपनी के निर्माण से पूर्वाञ्चल में केले के खेती को एक नया आयाम मिलेगा ।
वर्ष 2015-16 के दौरान यह उत्पादक कंपनी कृषि आगतों का एकीकृत खरीद और केले की उपज का एकीकृत विक्रय करेगी। इस प्रक्रिया से बिचौलियों को दरकिनार करते हुये कृषि उत्पादन लागत को कम किया जाएगा और अच्छे मूल्य पर केले की विक्रय करके रिजर्व पूंजी जुटाई जायेगी। बाजार तक अपनी सीधे पहुँच बनाने के लिए उत्पादक संघ ने कृषि नवीन मंडी, गोरखपुर में भी अपना पंजीकरण करा चुकी है। कृषि आगतों (खाद, बीज, पादप रक्षा सामाग्री) के एकीकृत क्रय हेतु पंजीकरण आवश्यक है. उत्पादक कंपनी को जिला कृषि अधिकारी और जिला पादप रक्षा अधिकारी, कुशीनगर के सहयोग के द्वारा बीज और पादप रक्षा का लाइसेंस प्राप्त हो चुका है और उर्वरक हेतु प्रयास जारी है। |
Who We Are |
यह उत्पादक कंपनी नाबार्ड के सहयोग से विकास खंड खड्डा के अंतर्गत 10 ग्राम पंचायतों के 99 प्राथमिक उत्पादकों ( कृषकों ) के द्वारा स्थापित किया गया है । अभी तक 99 प्राथमिक उत्पादकों द्वारा कुल लगाई गयी शेयर पूंजी ₹5.00 लाख है । इस कंपनी में कुल सात बोर्ड के निदेशकगण है। कंपनी में मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति हेतु प्रयास जारी है।
99 प्राथमिक उत्पादकों (कृषकों) / सदस्यों के पास कुल 261 एकड़ कृषि जमीन है, जिसमें 51.74 प्रतिशत क्षेत्र में केला, 26.16 प्रतिशत क्षेत्र में गन्ना और 22.10 प्रतिशत क्षेत्र में गेहूं, धान और अन्य फसलों की खेती करतें है। इस कंपनी ने अपना कार्य का शुभारंभ 26 सितंबर 2015 को कर दिया है। प्रथम चरण में कंपनी नें केले की एकीकरण विक्रय करना प्रारंभ किया है । |
Our History |
नाबार्ड के सहयोग से मुशहर विकास पहल समिति के नेतृत्व में विकास खंड खड्डा में 33 कृषक क्लब का निर्माण किया गया। इन कृषक क्लबों के द्वारा मुख्यता तकनीकी हस्तांतरण और बैंकों की सहायता से वित्त की व्यवस्था की गयी है ।
केले की उत्पादकता वृद्धि हेतु NABARD के Farmers Technology Transfer Fund (FTTF) के अंतर्गत रु 13 लाख की परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गयी है जिस कार्य प्रगति पर है। किसानों की बाज़ार तक की सीधे पहुँच न होने के कारण केले के बाजार मूल्य का रु100 -150 प्रति कुंतल जनपदीय स्तर के बिचौलिये के हाथ लग जाता था। इसी बीच वर्ष 2014-15 के बजट में किसान उत्पादक संस्थाओं (Farmers Producer Organizations) के निर्माण हेतु भारत सरकार ने कदम उठाया, जिसकी ज़िम्मेदारी NABARD को सौपी गयी। मुसहर विकास पहल समिति के सचिव श्री अजय कुमार विश्वकर्मा के सहयोग से नाबार्ड के जिला प्रबन्धक इं राजेश यादव ने केला के किसान उत्पादक कंपनी (Banana Producer Company) के निर्माण हेतु प्रथमत: कंपनी कारोबार प्लान (Company Business Plan) की संभाव्यता को जांचा और परखा गया. सकारात्मक परिणाम की अपार संभावनाओं को देखते हुए कृषक क्लब के सदस्यों और क्षेत्र के अन्य जागरूक किसानों के लिए विकास खंड खड्डा और प्राथमिक विद्यालय, दरगौली के स्तर पर केला प्रोड्यूसर कंपनी के निर्माण के लिए जागरूकता और अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें कंपनी के भविष्य की रूपरेखा का प्रदर्शन किया गया और कृषको से अपेक्षा की गयी कि वह इस कंपनी के निर्माण में अग्रणी भूमिका अदा करें। कृषकों की अपनी कंपनी में अंतर्निहित अपार संभानाओं, ठोस रणनीति, मुसहर विकास समिति के सामुदायिक एकत्रीकरण और नाबार्ड द्वारा कदम कदम पर साथी की भूमिका को दृष्टगत रखते हुये किसानो की विश्वास के आधार पर 26 जून 2015 को इस कंपनी नें मूर्तरूप लिया और सतत अपने पथ पर अग्रसर है। कंपनी का उद्देश्य कृषक क्लबो के सदस्यों /केला उत्पादकों/ लघु और सीमांत किसानों के कृषि आगतों और बेहतर बाजार उपलब्ध कराना है। इसके के साथ साथ भविष्य में केला प्रशंषकरण कर केला उत्पादकों और इससे स्वंम सहायता समूहों और जेएलजी कृषकों को जोड़कर कृषकों और इससे जुड़े लोगों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाना है। |